Wednesday, June 10, 2009

मेरा औण से हर्ष हवे कै त व्हेल्यो

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मेरा औण से हर्ष हवे कै त व्हेल्यो,
ना हो मेरा जाणा कु दुःख कै न हो, दुःख कै न हो
मेरा सुख मा हैंसणा कु न्यूतू सभु कू
मेरा दुःख मा रोणा कू हक कै न हो, हक कै न हो

.
मुलूक हो पराया, खुद हो तुम्हारी, मुलूक हो पराया खुद हो तुम्हारी
पीड़ा हो कि ज्वा आज तक सै न हो, आज तक सै न हो
.
बडूल्यूं मा रैबार भेजी नि ऐनी, बडूल्यूं मा रैबार भेजी नि ऐनी
क्या सुपिन्यम भी आणा कु बकत रै न हो, बकत रै न हो

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कख रिबड़ीनि खुटी वो, किले नि बौडी होली,
कख रिबड़ीनि खुटी वो, किले नि बौडी होली
कखी सौतेला बाठों न भक्लै न हो, भक्लै न हो
.
ज्वनि ह्वेगी माटू, ढून्गू व्हे पराण,
ज्वनि ह्वेगी माटू, ढून्गू व्हे पराण,
कभी सुख ऐ जालू त रगरै न हो रगरै न हो

.
मेरा औण से हर्ष हवे कै त व्हेल्यो,
ना हो मेरा जाणा कु दुःख कै न हो, दुःख कै न हो
मेरा सुख मा हैंसणा कु न्यूतू सभु कू
मेरा दुःख मा रोणा कू हक कै न हो, हक कै न हो

1 comment:

  1. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
    लिखते रहिये
    चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है
    गार्गी

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